हमारे वेदों में हर बीमारी का इलाज लिखा है और वो भी घरेलू चीजों से. आयुर्वेद में रोगों के उपचार के लिए ज्यादातर रसोईघर में मौजूद चीजों का इस्तेमाल होता आया है. महाऋषि वागवट ने अपनी किताब में रोगों के उपचार को बहुत अच्छे तरीके से लिखा है और हृदय रोग के लिए अष्टांग हृदय की रचना की. |